ऐसा क्यों होता है आप जो भी पुराण पढ़ते है उसमे वो भगवान सभी के उत्पत्तिकर्ता मालूम होते है ?

गीता के ग्यारहवे अध्याय के १५ श्लोक में - अर्जुन ने भगवान के अंदर सभी देवताओ और जीवो को देखा और बह्मा और महेश और सभी ऋषियों और सर्पो को देखा | 

भगवान के ही सभी अन्य देवी देवता अवतार है, और लीला के लिए आंशिक या पूर्ण अवतार होता है, इसलिए हर देवता स्वयं परमात्मा है और सब कुछ सर्वात्मा के अंदर है | 


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