युधिष्ठिर ने पितामह भीष्म की लम्बी आयु और स्वस्थ रहने का राज पूछा, तो पितामह ने कहा -
मन को वश में रखना
घमंड नहीं करना
विषयो की ओर बढ़ती हुई इन्द्रियों को रोकना
कटु वचन सुनकर भी उत्तर नहीं देना
मार खाने पर भी शांत व् सम रहना
अतिथि व् लाचार को आश्रय देना
दुसरो की निंदा न करना और न सुनना
नियमपूर्वक शास्त्र पढ़ना व् सुनना
दिन में नहीं सोना
स्वयं आदर न चाहकर दूसरो को आदर देना
क्रोध के वशीभूत नहीं रहना
स्वाद के लिए नहीं स्वास्थ के लिए भोजन करना
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