ईश्वर को देखने, एवं जानने का तरीका

Universe


श्री कृष्ण भगवान ने स्वयं अपने मुख से गीता में कहा है की ये सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड मुझमे स्थित है, मैं हर जगह मौजूद हूँ|  


ठीक से सोचे तो हम सब भगवान के अंदर है, और हम उनके अंदर है तो उनको पूरा पूरा देख पाना असंभव है जब तक भगवान हमें स्वयं दर्शन न दें | 


उदाहरण 

मान लीजिये आप किसी बिल्डिंग के किसी कमरे में है और आप अंदर रहकर पूरी बिल्डिंग को देखने की इच्छा करें तो ये कैसे संभव है, आपको बिल्डिंग देखने के लिए बिल्डिंग से निकलना पड़ेगा | 


आप, मैं, हम सब, ये ब्रम्हांड भगवान के अंदर है तो हम सब हर पल भगवान को महसूस कर रहे है, और आंशिक रूप से उनको देख भी रहे है |  




गीता अध्याय ९, श्लोक ४

gita lesson 9, shlok 4


Comments